Monday, November 7, 2011
नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर परिसर में मीटिंग
नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर परिसर में मीटिंग करते हुए सर्व श्री प्रकाशजी मोहनराजजी , अचलमलजी हस्तीमलजी सुरेशजी भवरलालजी, यशपालजी सम्पतराजजी , गोतमजी तेजराजजी , जिनेश , घेवर चंदजी, रमेशजी हस्तीमलजी , जयप्रकासजी मीठालालजी , महावीर सेमलानी , एवं साथ में बैठे है मेहमान मदनजी कोठारी , हेमंत मुथा, सुरेश पुनमिया एवं दोनों मुख्य पुजारी जी
खेतलाजी का पुराना मूल स्थान
इस तस्वीर में आपको एक साथ मदिर में स्थापित अम्बे माँ , सोनाणा खेतलाजी गणेशजी सभी के एक साथ दर्शन हो सकते है ! यह तस्वीर वर्तमान में इस मन्दिर के ठीक सामने एक मुख्य आले में रखी हुई है ... यह आला खेतलाजी का पुराना मूल स्थान है ! मन्दिर बनने के बाद प्रतिष्ठा पूर्वक खेतलाजी को ब्र्हाम्नी माँ एवं अम्बे माँ के मुख्य मन्दिर में स्थापित किया गया ! अब खेतलाजी का मन्दिर अलग से बनने की बात वहा के भोपाजी करते है ..
ब्र्हाम्नी माँ का मुख्य मन्दिर
नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर
यह मन्दिर है सेमलानियो की कुल देवी ब्र्हाम्नी माँ का ! जो कुछ वर्षो पूर्व बनाया गया था ! कार्य सहयोग रहा दादर निवासी एवं सांडेराव वासी अमरचंद जी सेमालनी का जो समाज के आर्थिक सहयोग से तैयार हुआ ! इस मन्दिर में मुख्य प्रतिमा है ब्र्हाम्नी माँ एवं उनकी बड़ी बहिन अम्बे माँ और साथ में बैठे है खेतलाजी यानी ब्र्हाम्नी माँ के पुत्र काला भेरू और गोरा भेरू जी
सेमलानी परिवार एक परिचय
सेमलानी परिवार एक परिचय
सेमलानी परिवार मूलत: चाणोद (पाली) का है ! बाद में व्यापार के लिए देश के कौने -कौने में जा बसा !
रानी , पाली , जोधपुर , सांडेराव , सादड़ी, मुम्बई , सुरत , पुणे , धुलिया , कोइम्बतुर , शिमोगा , इत्यादि शहरों में वर्तमान में रह रहे है ! इनकी कुलदेवी चितौड किले की बाण माता ही है जो यह लोग ब्र्हाम्नी माँ के रूप में विख्यात है .नाना बेड़ा गाव में मूलत : सेमलानियो के खेतलाजी का स्थान है जो सोनाला खेतलाजी की ही ज्योत है ! नाना बेड़ा में प्रति वर्ष फागन सूद पाचम को खेतलाजी का दिन होता है ! जहा झरोलिया ( मुंडन ) एवं जात ( नये शादी शुदा झोड़ो द्वारा प्रसाद ) लगाई जाती है !
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