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SEMALANI KULDEVI

Monday, November 7, 2011

नाना बेड़ा जैन मदिर के दर्शन करते हुए सुरेश पुनिमिया

 नाना बेड़ा जैन मदिर के दर्शन करते हुए सुरेश पुनिमिया 

नाना बेड़ा का जैन मदिर

नाना बेड़ा का जैन मदिर खेतलाजी मन्दिर  के पास

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर परिसर में मीटिंग

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर  परिसर में मीटिंग करते हुए सर्व श्री प्रकाशजी मोहनराजजी , अचलमलजी हस्तीमलजी सुरेशजी भवरलालजी, यशपालजी सम्पतराजजी  , गोतमजी तेजराजजी , जिनेश , घेवर चंदजी, रमेशजी हस्तीमलजी , जयप्रकासजी मीठालालजी , महावीर सेमलानी , एवं साथ में बैठे है मेहमान मदनजी कोठारी , हेमंत मुथा, सुरेश पुनमिया एवं दोनों मुख्य पुजारी जी 

यात्रियों के लिए बाथरूम

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर  परिसर के ठीक पीछे दर्शनार्थ आने वाले यात्रियों के लिए बाथरूम बने हुए

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर जमीन

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर जमीन का जायजा लेते हुए महावीर सेमलानी , और प्रकाशजी सेमलानी मुम्बई

दस हजार स्क्वायर फिट जमीन

मदिर के ठीक पीछे दस हजार स्क्वायर फिट जमीन सेमलानी परिवार ने ली .. इसी जमीन का जायजा लेते हुए महावीर सेमलानी , और प्रकाशजी सेमलानी मुम्बई 

मन्दिर के ठीक पीछे नाना बेड़ा ठाकुर परिवार का रावला

मन्दिर के ठीक पीछे नाना बेड़ा ठाकुर परिवार का रावला 

अचलमलजी, गौतम जी ,सुरेस सेमलानी एवं सुरेश पुनिमिया

अचलमलजी, गौतम जी ,सुरेस सेमलानी एवं   सुरेश पुनिमिया 

आरती करते हुए चाणोद वासी



प्रकाशजी सेमलानी, रमेशजी , यशपालजी , सुरेश जी , भीकमचंदजी , मदनजी कोठारी , हेमंत मुथा खीमेल , महावीर सेमलानी 

महावीर सेमलानी मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए

महावीर   सेमलानी  बोरीवली,  मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए

भीकमचंदजी सेमलानी मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए

भीकमचंदजी जीवराजजी  सेमलानी  मलाड मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए साथ में पुजारी जी 

गोतमजी सेमलानी दहिसर मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए

गोतमजी तेजराजजी सेमलानी दहिसर मन्दिर परिशर में दर्शन करते हुए 

नगाड़े और घंटिया

मन्दिर के ठीक दाए और नगाड़े और घंटिया लगी हुई है जो आरती के समय बजाई जाती है 

नारियल की ज्योत

यहा   नारियल की ज्योत होती है ... यह ज्योत किसी बड़े दिन होती है ... ज्योत के दर्शन करते हुए मुम्बई वासी महावीर एवं जय प्रकाशजी चेम्बूर 

यह आला खेतलाजी का पुराना मूल स्थान है

यह आला खेतलाजी का पुराना मूल स्थान है !! यहा भी ज्योत जलती है ! दीप लगाये जाते है एवं भोपाजी को खेतलाजी इसी स्थान पर शरीर में प्रकट होते है ! इस स्थान के पास बेठे है मन्दिर के देख भाल करने वाले एवं इस जगह के मालिक माली जी परिवार के सबसे बड़े बेटे ......

खेतलाजी का पुराना मूल स्थान

इस तस्वीर में आपको एक साथ मदिर में स्थापित अम्बे माँ , सोनाणा खेतलाजी गणेशजी सभी  के एक साथ दर्शन हो सकते है ! यह तस्वीर वर्तमान में  इस मन्दिर के ठीक सामने एक मुख्य आले में रखी हुई है ... यह आला खेतलाजी का पुराना मूल स्थान है ! मन्दिर बनने के बाद प्रतिष्ठा पूर्वक खेतलाजी को ब्र्हाम्नी माँ  एवं  अम्बे माँ के मुख्य मन्दिर में स्थापित किया गया ! अब खेतलाजी का मन्दिर अलग से बनने की बात वहा के भोपाजी करते है .. 

अम्बे माँ

मन्दिर में एक बड़ी मूर्ति अम्बे माँ   की स्थापित है 

मदिर में श्री गणेश जी की प्रतिमा

यह है ,मदिर  में श्री गणेश जी की प्रतिमा 

खेतलाजी

मदिर में कुलदेवी के दाए तरफ बिराजे है  खेतलाजी यानी ब्र्हाम्नी माँ के दो पुत्र  काला भेरू और गोरा भेरू जी (खेतलाजी )

ब्र्हाम्नी माँ

 ब्र्हाम्नी माँ

ब्र्हाम्नी माँ का मुख्य मन्दिर


नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर 
यह मन्दिर है सेमलानियो की कुल देवी  ब्र्हाम्नी माँ  का ! जो कुछ वर्षो पूर्व बनाया गया था ! कार्य सहयोग रहा दादर निवासी एवं सांडेराव वासी अमरचंद जी सेमालनी का जो समाज के आर्थिक सहयोग से तैयार हुआ ! इस मन्दिर में मुख्य प्रतिमा है ब्र्हाम्नी माँ एवं उनकी बड़ी बहिन अम्बे माँ  और साथ में बैठे है खेतलाजी यानी ब्र्हाम्नी माँ के पुत्र  काला भेरू और गोरा भेरू जी 

नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर का मुख्य प्रवेश द्वार


नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दिर का मुख्य प्रवेश द्वार 
 नाना बेड़ा खेतलाजी मन्दि गाव के मध्य में आया हुआ है ! इसके पास ठीक जैन मदिर एवं धर्म शाला है 

सेमलानी परिवार एक परिचय

सेमलानी परिवार एक परिचय 
सेमलानी परिवार मूलत: चाणोद (पाली) का है ! बाद में व्यापार के लिए देश के कौने -कौने में जा बसा !
रानी , पाली , जोधपुर , सांडेराव , सादड़ी, मुम्बई , सुरत , पुणे , धुलिया , कोइम्बतुर , शिमोगा , इत्यादि शहरों में वर्तमान में रह रहे है ! इनकी कुलदेवी चितौड किले की बाण माता ही है जो यह लोग ब्र्हाम्नी माँ के रूप में विख्यात है .नाना बेड़ा गाव  में मूलत : सेमलानियो के खेतलाजी का स्थान है जो सोनाला खेतलाजी की ही ज्योत है !  नाना बेड़ा में प्रति वर्ष फागन सूद  पाचम को खेतलाजी का दिन होता है ! जहा झरोलिया ( मुंडन ) एवं जात ( नये शादी शुदा झोड़ो द्वारा प्रसाद ) लगाई जाती है !