यह आला खेतलाजी का पुराना मूल स्थान है !! यहा भी ज्योत जलती है ! दीप लगाये जाते है एवं भोपाजी को खेतलाजी इसी स्थान पर शरीर में प्रकट होते है ! इस स्थान के पास बेठे है मन्दिर के देख भाल करने वाले एवं इस जगह के मालिक माली जी परिवार के सबसे बड़े बेटे ......
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